चल पड़े
चल पड़े
देखें ख़्वाब बड़े ऊंचे और घने
अकेले ही हम चल पड़े
निरंतर ही चले हो खड़े
गिर पड़े कई बार गिरे
हुए खड़े फिर चले
रास्तों से ना कभी डरे
हम निरंतर चल पड़े
सूर्य के तेज से भी बड़े
है हमारे सिलसिले
हम चले, तुम चले
निरंतर चलते रहे।
