हर पल कुछ सिखाता है
हर पल कुछ सिखाता है
आज पतझड़ का मौसम आया है
तो डरता क्यों है
उसके बाद बसंत का भी मौसम आया है
हार से डरना अच्छी बात नहीं है
हजार बार गिरकर एक बार संभलना
चींटी ने तो हमें सिखाया है
अगर एक बार डूबे
तो इसका मतलब नहीं सब खत्म
सूरज ने हमें यह बतलाया है
और खुद पर यकीन कर ओ वीर मेरे
तूने हर बार कमाल करके दिखलाया है।
