चल कहीं चलें
चल कहीं चलें
चल कहीं चलें जहां हम साथ ना हों
जहां हमारे बीच यह दीवार ना हो
चल कहीं चलें जहां रिश्तों का कोई नाम ना हो
जहां फड़फड़ाते झंडों पर कोई रंग कोई निशान ना हो
चल कहीं चलें जहां नीला सा आसमान हो
जहां बड़े बड़े बादल सुनाते कोई दास्तान हों
चल कहीं चलें जहां दिलों में यह फ़ासले ना हों
जहां नज़रें चुरानी ना पड़ें, जहां तकरार ना हो
चल कहीं चलें जहां दिल को दिल से राह हो
जहां दिमाग़ और सोच की परवाह ना हो
चल कहीं चलें जहां तुझ को मुझसे प्यार हो
जहां मेरी तरह तेरी आँखों में भी इंतज़ार हो

