चल बह चलें समय की धारा में
चल बह चलें समय की धारा में
चल बह चलें समय की धारा में
सीखें हम भी निरंतर चलना
चल बह चलें समय की धारा में
देखें हम भी शिखर का सपना
समय कभी भी रुकता नहीं
रुक जाता है मानव
समय कभी झुकता नहीं
झुक जाता है मानव
चल हम भी बने समय की ही तरह
रुके नहीं झुके नहीं बढ़ें लहरों की तरह
कभी तो गंतव्य तक पहुँचेंगे अपने कदम
कभी तो सुख मिलेगा, दुख हो जाएंगे कम
पर समय की तो है बात ही निराली
उसका मन सूखा नहीं, वहाँ सदैव है हरियाली
चल बन जाएँ हम भी ऐसे ही निराले
चल समय को गले से लगा लें
