चिकित्सकों को सलाम
चिकित्सकों को सलाम
परवाह नहीं उनको अपनी,
हृदय में भाव समर्पण का
महामारी की यह जंग अनोखी,
कर दिया यह जीवन अर्पण सा
धवल श्वेत से वस्त्र हैं जिनके,
जीवन दायक कहलाते हैं
भूल के सारे रिश्ते नाते,
निस्वार्थ फर्ज वे निभाते हैं
ना देखे हमने आज तक,
अल्लाह और भगवान यहाँ
पर झुका है मस्तक नमन हेतु,
जो रूप में उनके प्रकट यहाँ।