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अनिल कुमार निश्छल

Children Drama Inspirational

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अनिल कुमार निश्छल

Children Drama Inspirational

चिड़िया रानी

चिड़िया रानी

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फुदक-फुदक कर चिड़िया रानी,

कहाँ-कहाँ तुम जाती हो,

उछल-उछल कर दाने खाकर,

फुर्र-फुर्र उड़ जाती हो !


माँ-माँ कहकर बच्चे जब,

प्यार से तुम्हें बुलाते हैं,

झटपट-झटपट दौड़ लगाकर,

पास उनके आ जाती हो !


छोटे-छोटे पंखों से तुम,

आसमाँ में परवाज भरो,

प्यारी-प्यारी आँखें और सूरत,

"निश्छल" को तुम भाती हो !


कभी-कभी देख गुलों को,

मंद-मंद मुस्काती हो,

ठंडी-ठंडी मदमस्त हवा में,

मीठा-मीठा गाती हो !


तेज हवा में भी तुम उड़ो,

कभी न फिर घबराती हो,

बाधाओं से लड़कर जीतना,

अक्सर हमें सिखलाती हो !


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