चिड़िया रानी
चिड़िया रानी
फुदक-फुदक कर चिड़िया रानी,
कहाँ-कहाँ तुम जाती हो,
उछल-उछल कर दाने खाकर,
फुर्र-फुर्र उड़ जाती हो !
माँ-माँ कहकर बच्चे जब,
प्यार से तुम्हें बुलाते हैं,
झटपट-झटपट दौड़ लगाकर,
पास उनके आ जाती हो !
छोटे-छोटे पंखों से तुम,
आसमाँ में परवाज भरो,
प्यारी-प्यारी आँखें और सूरत,
"निश्छल" को तुम भाती हो !
कभी-कभी देख गुलों को,
मंद-मंद मुस्काती हो,
ठंडी-ठंडी मदमस्त हवा में,
मीठा-मीठा गाती हो !
तेज हवा में भी तुम उड़ो,
कभी न फिर घबराती हो,
बाधाओं से लड़कर जीतना,
अक्सर हमें सिखलाती हो !
