"छोड़ दो अपने व्यसन "
"छोड़ दो अपने व्यसन "
व्यसन अपने छोड़ दो,होश करो श्री मान
बीड़ी हुक्का सिगरेट , बनें रोग की खान
बनें रोग की खान , नाश शरीर का करते
गुटखा खन्नी मद्य , ज्ञान विवेक सब हरते
खूब रहे तुम जान ,उजड गया इनसे चमन
करो क्लेश का नाश ,छोड़ दो अपने व्यसन।
