छाँव बुजुर्गों की
छाँव बुजुर्गों की
अहसास स्व सुरक्षा का
भीषण सूखे में वर्षा का
तपती धूप में छाँव का
पहली जीवन कक्षा का
अनुभव का भण्डार हैं
ज्ञान का गजब द्वार हैं
जीने की वो मिसाल हैं
किस्से कहानी अपार हैं
आत्मा में इनकी गावँ हैं
संस्कारों में ठण्डी छाँव हैं
ढूंढ लो चाहे जितना मर्जी
जन्नत तो माँ तेरे ही पावँ हैं
हम साँये से ये साथ रहते हैं
सिर सदा इनके हाथ रहते हैं
कैसी भी हो परिस्थितियाँ ये
बच्चों संग दिन रात रहते हैं
कर्त्तव्य निर्वहन सम्पूर्ण जीवन
बांधे रखें पूरा कुल बन रीबन
इतिहास के साक्षात साक्षी ये
अंधेरे में राह दिखाएँ बन किरण।
