"चेतावनी"
"चेतावनी"
अच्छे कर्म कर प्रानी,
बड़ी दुर्लभ जिन्दगानी।
चौरासी के चक्कर परों थो,
नौ महीना तू,गर्भ में रहो थो।
अब कै न कर नादानी,
बड़ी दुर्लभ जिन्दगानी।
अच्छे-------
कर्म प्रधान विश्व करि राखा,
जो जस करम सो,तस फल चाखा।
अब तो समझ ले प्रानी,
बड़ी दुर्लभ जिन्दगानी।
अच्छे-------
बालापन हंस खेल गंवाओं,
युवावस्था में खूब इतराओं।
बुढ़ापे में याद आई नानी,
बड़ी दुर्लभ जिन्दगानी।
अच्छे-------
मूरख जन्म तूनें भजन न कीन्हों,
सुंदर जीवन व्यर्थ गंवा दीन्हों।
अब केवल पछतानी,
बड़ी दुर्लभ जिन्दगानी।
अच्छे-------
