चेहरे पर है चेहरे कई
चेहरे पर है चेहरे कई
चेहरे पर है चेहरे कई
इसमें नहीं कोई बात नई।
हम भरोसा करते हैं बार-बार
इसलिए धोखा खाते हैं बार-बार।
हर चेहरा होता है एक नया पहरा
जाने चेहरे के अंदर है
कौन सा छलावा पसरा।
हर चेहरे से बचकर चलो
हर चेहरे से सम्भल कर चलो।
चेहरों से हमें सजग रहना है
चेहरों पर नहीं कभी भी भरोसा करना है।
चेहरे पर है चेहरे कई
इसमें नहीं कोई बात नई।
