चौदह दिसम्बर।
चौदह दिसम्बर।
वो चौदह दिसम्बर की सुबह थी,
धुंध बहुत ही ज़्यादा पड़ रही थी।
ज़रूरी काम से शिमला पहुँचे थे,
ऑफिस के बहुत ज़रूरी कार्य थे।
पूरा एक सप्ताह वहीं पर रूकना,
चौदह दिसम्बर का वो दिन ख़ास।
बस में सुबह बैठकर सफ़र किया,
काम ख़त्म कर वापिस आना भी।
वो शाम की आख़िरी बस पकड़ी,
बस में बहुत ही ज़्यादा भीड़ भरी।
अंधेरा होते ही धुंध बहुत बढ़ गई,
शिमला पहुँचते हुए दस बज गए।