चाहते हैं
चाहते हैं
याद है
आती जाती चाहतें थीं
और हम थे
और अब आती जाती चाहतें हैं
और हम हैं
कभी हम चाहतों के वशीभूत हुए
कभी चाहते हमारे वशीभूत हुयीं
कभी हम मुक्त हुए चाहतों से
कभी चाहते मुक्त हुयीं हमसे
सब ख्याल सा है आज भी
और आज तो बस हम है
और एक चाहत है
चाहत पूरी हो जाये तो अच्छा
न पूरी हो तो और भी अच्छा
हम तो जीयेंगे अपनी चाहत के साथ
और तुम्हें भी लगेगा
हम जी रहे हैं तुम्हारी ही चाहत के साथ
और हमारा इस चाहत का अस्तित्व
तुम्हारे अस्तित्व भर है
और एक तुम हो
अपने अस्तित्व को नकारते हुए
चलो याद दिला दें
तुम हो
और हमारी चाहत है
तुम्हारा अस्तित्व बना रहे और
ये भी कि
तुम्हें हमारी चाहत का एहसास हो कि
ये तुम्हारी है
तुम्हारे लिये हैं।