राही अंजाना
Abstract
ख्वाइशें हर एक रोज हमसे झगड़ती रहीं
अंजान होकर के खुद पर ही अकड़ती रहीं
समझाया बहुत मगर समझी एक बार नहीं
हर बार चेहरा बदलकर मुझको पकड़ती रहीं
बचपन से जवानी तक आदतें पाली इतनी
के ताउम्र बुढ़ापे की सनक उन्हें अखरती रहीं।
बन्धन राखी का
नज़र आती है
विज्ञान
राम का नाम
स्वतंत्र विचा...
साकार सपना
वचन
सुफल
राज़
भूल गया
वक्त का ख्याल रखो वक्त के साथ चलना है। वक्त का ख्याल रखो वक्त के साथ चलना है।
मतलबी दुनिया में कामयाबी की चाह में, बड़ों का आशीर्वाद मिला है, सच्चे रिश्तों का साथ म मतलबी दुनिया में कामयाबी की चाह में, बड़ों का आशीर्वाद मिला है, सच्चे रिश्तों...
करना नहीं कुछ पड़ता तुमको, इतनी सरल युक्ति बतलाते हैं। करना नहीं कुछ पड़ता तुमको, इतनी सरल युक्ति बतलाते हैं।
झोली फैला दी है मैंने खाली तेरी लीला है जग में निराली दर से तेरे ... झोली फैला दी है मैंने खाली तेरी लीला है जग में निराली दर से तेरे ...
तुम्हें पाकर के, यह डर लग रहा है जैसे कोई तुमसे, अलग कर रहा है। तुम्हें पाकर के, यह डर लग रहा है जैसे कोई तुमसे, अलग कर रहा है।
पर इस आजादी के लिए, सभी को निराश करना चाहता नहीं। पर इस आजादी के लिए, सभी को निराश करना चाहता नहीं।
इतराती है और खूब लहराती है सबको अपनी ओर लुभाती है। इतराती है और खूब लहराती है सबको अपनी ओर लुभाती है।
मैं मजबूर हूं मैं मजदूर हूं पैदल ही निकल जाऊंगा। मैं मजबूर हूं मैं मजदूर हूं पैदल ही निकल जाऊंगा।
खुद की इतराहट में ही चूर हो गयी है, खुशी हमारी हमसे रुठ गयी है,, रुठ गयी है,, रुठ गयी खुद की इतराहट में ही चूर हो गयी है, खुशी हमारी हमसे रुठ गयी है,, रुठ गयी है,...
ईश्वर हो कोई तो चमत्कार दिखाओ अपनी सृष्टि को खुद ही बचाओ। ईश्वर हो कोई तो चमत्कार दिखाओ अपनी सृष्टि को खुद ही बचाओ।
चलो मिलजुलकर हम सब आगे बढते है कोरोना से ना हार मानकर उसे मिटाते है। चलो मिलजुलकर हम सब आगे बढते है कोरोना से ना हार मानकर उसे मिटाते है।
बस मैं अडीक, परद दर परद, इस से उभरता रहूंगा।। बस मैं अडीक, परद दर परद, इस से उभरता रहूंगा।।
स्वार्थ त्यागना मनुज के, धर्म का प्रतीक है। स्वार्थ त्यागना मनुज के, धर्म का प्रतीक है स्वार्थ त्यागना मनुज के, धर्म का प्रतीक है। स्वार्थ त्यागना मनुज के, धर्म का ...
रहे सदा सलामत ये आजादी बस इतनी कर लो प्रतिज्ञा आज, जय हिंद जय भारत ! रहे सदा सलामत ये आजादी बस इतनी कर लो प्रतिज्ञा आज, जय हिंद जय भारत !
जहाँ जीत हार से ऊपर लड़ना ही एक हल और एक प्रयास है। जहाँ जीत हार से ऊपर लड़ना ही एक हल और एक प्रयास है।
निकलो न बेनकाब , करोना जनाब है । निकलो न बेनकाब , करोना जनाब है ।
मुश्किल राहों पर ना जाने कितने हमराज़ बदल जाते हैं। मुश्किल राहों पर ना जाने कितने हमराज़ बदल जाते हैं।
तरु शिखा पर आया मंजर,मौसम ने ली अंगड़ाई सबके दिलो दिमाग पर,अब होली की मस्ती छाई ! तरु शिखा पर आया मंजर,मौसम ने ली अंगड़ाई सबके दिलो दिमाग पर,अब होली की मस्ती छ...
नभ में सतरंगी आभा ले इन्द्रधनुष मन भाया। वर्षा कन्या को उसने है सुन्दर चीर उढाया।। नभ में सतरंगी आभा ले इन्द्रधनुष मन भाया। वर्षा कन्या को उसने है सुन्दर ...
सर पे रहते थे जो इक दुआ की तरह वो बला हो गए देखते देखते ! सर पे रहते थे जो इक दुआ की तरह वो बला हो गए देखते देखते !