बुझे हुए बल्ब
बुझे हुए बल्ब
बुझे हुए बल्ब की तरह
जिंदगी हो चली है
ना किसी से दोस्ती
ना किसी से दुश्मनी है
दोस्तों बिना क्या मजा है
जिंदगी में कुछ ना रह गया है
मौत है के आती नहीं है
अब सिर्फ उसी का
इंतजार रह गया है
अब तो बस सब्र
किये बैठे हैं
कुछ तो हो जाये
जो जिया जाये
वरना अब किस
काम की ये जिंदगी है
अब ना कोई ख्वाहिश
ना जुस्तजू है
एक अदद यारों से
मिलने की आरजू है
चलो ऐसा कुछ किया जाये
एक दिन दोस्तों की
महफ़िल सजायी जाये
ए दोस्तों आ जाओ
सब मेरे घर
एक एक से गले
मिलकर
जिया जाये
भूल जाओ सब
गिले शिकवे
हो गए हों कभी
किसी से
तोड़ दो वो
सब दीवारें
जो रोकती हैं
हमको मिलने से
आज फिर से मिलकर
उन दिनों को
याद किया जाये
फिर बैठकर गुफ़्तगू
यारों के साथ की जाये
कौन कब किस समय
राह में बिछड़ जाये
मिल लो एक बार
फिर ना कहना के
तुम्हें याद नहीं किया
आओ फिर मिला जाये
मिलना तो एक
बहाना होगा
चलो एक बार फिर से
जिंदगी को जिया जाये
आज फिर दोस्तों की
महफ़िल सजायी जाये।