Arvina Ghalot
Comedy
साठ के पार हुआ कि
सनक ने आ घेरा,
दुख देने लगा पेट का
बढ़ता हुआ घेरा,
नहीं लगाई जो तूने
खाने पे लगाम,
तेरे घुटनों की हो जायेगी
बोल सिया राम,
चल भी नहीं पायेगा,
बस बैठकर पछताएगा।
लाल ओढ़नी
तुम कविता हो
बाकी हैं, उजा...
यादों की कंदी...
सावन झड़ी लाग...
मेरे हमसफ़र
इस दिल के किं...
विश्वास की डो...
सितम बिखरा पड...
मेरे अंगने मे...
जल्दी से पानी में चायपत्ती मिलाई अदरक और इलाइची से मिल के के वह ज़ोर से चिल्लाई। जल्दी से पानी में चायपत्ती मिलाई अदरक और इलाइची से मिल के के वह ज़ोर से चिल्ल...
कबूतर को मिली है प्रचार की जिम्मेदारी घर घर बाटी है उसने सामग्री सारी। कबूतर को मिली है प्रचार की जिम्मेदारी घर घर बाटी है उसने सामग्री सारी।
बच्चे बोले पापा पागल हैं घरवाली बोली ई तो गये हैं बौरा! बच्चे बोले पापा पागल हैं घरवाली बोली ई तो गये हैं बौरा!
ताऊ जाते सीना तान खिचड़ी कर गए सारा ज्ञान। ताऊ जाते सीना तान खिचड़ी कर गए सारा ज्ञान।
फ़ैल रहा चारों ओर बिना मेरे हस्तक्षेप के अनाचार ! फ़ैल रहा चारों ओर बिना मेरे हस्तक्षेप के अनाचार !
बैठने को, कुर्सी प्यारी जिसको भी, मिल जाती। बैठने को, कुर्सी प्यारी जिसको भी, मिल जाती।
ना सासू पूछे न साली, समझती कुछ भी नहीं अब घरवाली। ना सासू पूछे न साली, समझती कुछ भी नहीं अब घरवाली।
एक दो मॉडलिंग ही मिल जाती, काश मेरी भी बॉडी बन जाती। एक दो मॉडलिंग ही मिल जाती, काश मेरी भी बॉडी बन जाती।
विकट समय है सब आक्रांत हैं जाए अब ये कोरोना। विकट समय है सब आक्रांत हैं जाए अब ये कोरोना।
पता नहीं कैसा बर्तन लाए, देख कर हम को, सिटी बजाए। पता नहीं कैसा बर्तन लाए, देख कर हम को, सिटी बजाए।
अंग्रेज बोला कि वो पीली-पीली बच्चें की टाटी लाना। अंग्रेज बोला कि वो पीली-पीली बच्चें की टाटी लाना।
और पक्षपात से, जीता भी दिया जाता रहा है। आजादी के बाद से। और पक्षपात से, जीता भी दिया जाता रहा है। आजादी के बाद से।
कौन कहते हैं हमारा कोई न पक्ष सत्ता से बड़ा नहीं होता कोई पक्ष। कौन कहते हैं हमारा कोई न पक्ष सत्ता से बड़ा नहीं होता कोई पक्ष।
कितना मुझ को लटकाओगे, पूछे नीली टाई। कितना मुझ को लटकाओगे, पूछे नीली टाई।
देके लालच खाने का उसको, पिंजरें में फँसाए हम। देके लालच खाने का उसको, पिंजरें में फँसाए हम।
बच्चा बाप पर ना जाए बस इसी बात से डर रहा हूँ। बच्चा बाप पर ना जाए बस इसी बात से डर रहा हूँ।
कल जवान की शहादत तौलेंगे, नेता जी वोट बटोरेंगे ! कल जवान की शहादत तौलेंगे, नेता जी वोट बटोरेंगे !
सोने को जब ये बिस्तर पे जाता है घोड़े के जैसे खर्राटे ये भरता है। सोने को जब ये बिस्तर पे जाता है घोड़े के जैसे खर्राटे ये भरता है।
लॉकडाउन से भई मेरा तो सत्यानाश हुआ, ऑफिस में बॉस घर में पत्नी का दास हुआ। लॉकडाउन से भई मेरा तो सत्यानाश हुआ, ऑफिस में बॉस घर में पत्नी का दास हुआ।
नहीं छुएगी बीमारी नहीं रहेगा हाजमा गंदा ! नहीं छुएगी बीमारी नहीं रहेगा हाजमा गंदा !