बटोही
बटोही
वही पुरानी तान बटोही।
वही पुरानी शान बटोही
तेरा मेरा करते बीते
जीवन का अवसान बटोही।।
शेर बने तुम युवाकाल में
चार दिनी मेहमान बटोही।।
रस्ता रस्ता दम्भ खड़ा था
नाक चढाकर मान बटोही।।
मेरा मेरी करता रहता
पराया सबको जान बटोही।।
भरे खजाने रह जाएंगे
खाली हाथ ही जान बटोही।।
अरे 'सुओम' तू बड़ा पगला है
काल की देखो शान बटोही।।
