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Leena Kheria

Romance

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Leena Kheria

Romance

बस यूँ ही

बस यूँ ही

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कितनी जल्दी बदल गया मौसम

देख कर वस्ल जल गया मौसम 


कोई तूफ़ान आने वाला था 

वक़्त रहते संभल गया मौसम 


किसने झटका है गीले बालों को 

बारिशों का मचल गया मौसम 


अब दरख़्तों पे ज़र्द पत्ते हैं 

बन के सूरज पिघल गया मौसम 


आओ चलते है वादियों में फिर 

बर्फ़-बारी का ढल गया मौसम 


खिड़कियों से उतार दो पर्दे 

धूप वाला निकल गया मौसम 


उसकी ख़ुशबू के वास्ते लीना

कितनी कलियॉं मसल गया मौसम।


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