बस ये दिल कुछ मौहलत चाहता है
बस ये दिल कुछ मौहलत चाहता है
अंत तो निश्चित है तेरा भी मेरा भी
फर्क बस वक़्त के फासले का रह जायेगा
इस जन्म और मृत्यु से ना कोई बच पायेगा
बस ये नादान दिल कुछ मोहलत चाहता है
कुछ पल बाकी है अभी , जिसे कैद कर अपनो के साथ बिताना चाहता है
कुछ तैयारिया की है भविष्य की, जिन्हें साकार करना चाहता है
बस ये दिल कुछ मोहलत चाहता है!
ये दौर जो अचानक से सबका काल बन बैठा है
वक़्त बेवक्त लोगो का यमराज बन बैठा है
ये दिल तो बस किसी तरह इस काल घड़ी को टालना चाहता है
मेरे अपनो को इससे महफूज रखना चाहता है
अभी तो इन आँखों ने कई सपने बुन रखे है
उन सपनों को ये साकार करना चाहता है
बस ये दिल कुछ मोहलत चाहता है !
जैसे खुशियों का दौर हम रोक नही पाते
ठीक वैसे ही ये दौर भी गुजर जाएगा
विश्वास रखना खुद पे, ये वक़्त हमेशा के लिए नही है
बस संभाल लेना खुद को अपनी मनचली ख्वाहिशों से
तो सामने ना आकर बगल से गुजर जाएगा
बस ये दिल इतनी सी मोहलत चाहता है!