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Ranjana Dubey

Inspirational

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Ranjana Dubey

Inspirational

बरसा दो वात्सल्य माँ

बरसा दो वात्सल्य माँ

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बरसा दो अपना वात्सल्य माँ ये तूफ़ा भी रुक जायेगा... 

माँ से ही लेखनी मिली, माँ पर लिखना मुमकिन कहाँ.. 

माँ ही होती जीवन की वजह, माँ से ही है सारा जहाँ.. 

जीवन के अंधियारों की ज्योति है माँ, 

हर आंसू की मुस्कान है माँ, 

जीवन जीना माँ से सीखा, अथक परिश्रम माँ से सीखा, 

जीवन के घन साये भी चुपके से हट जाते हैं, 

माँ के कदमों की आहट से हर विघ्न टल जाते हैं, 

है कौन माँ जैसा निःस्वार्थ यहाँ, सब कुछ लुटा दो पर सच्चा स्नेह मिलता है कहाँ,, 

उस माँ की गाथा का गान करूँ इतनी मुझमें सामर्थ्य नहीं.. 

माँ के कोमल चरण जहाँ बच्चों की जन्नत बस वहीं.. 

लोरी गाया थपकी दिया बच्चों के खातिर माँ भूखे पेट भी सोई है.. 

हम सबकी छोटी सी पीड़ा पर माँ रातों रात न सोई है.. 

सच्चाई के लिए लड़ना कर्तव्यों पर अडिग रहना माँ के उसूल हैं,, 

माँ को शब्दों में बाँधे ये हम सबकी भूल है.. 

माँ ही दिन माँ ही रात माँ जैसा नहीं कोई साथ... 

ये दुनिया जज़्बाती हैं माँ का रूप न दूजा है.. 

बच्चों के दिल की हर आवाज बस माँ ने ही जाना है.. 

हम जो भी हैं उसकी वजह हमारी माँ है.. 

हर श्वास माँ है हर मंजिल माँ है हर सीख माँ है.. 

ये केवल अपनी माँ है बच्चे की माँ है.. 

ज़ब भी आँखे नम होती है खयालो में बस माँ होती है 

ज़ब भी वेदना होती है अधरों पर बस माँ होती है.. 

जगत नियंता माता से मन्नत यही हमारी है 

माँ माफ़ करो हर गुस्ताखी ये दंस हरो महामारी का.. 

अब सहा नहीं जाता ये जीवन दुश्वारी का.... 

माँ का वातसल्य बच्चे का जीवन है.. 

प्यार का नाम जीवन की वजह हर माँ को प्रणाम सम्मान.. 

गुजारिश है हर माँ के अधरों पर मुस्कान हो..

माँ जैसी शक्ति का हर जगह सम्मान हो...

हर दिलों में प्यार हो नफ़रत की ना दीवार हो..

कोई रिश्ता किसी का किसी से हो न हो पर इंसान में इंसानियत हो...............



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