"बोल,तू ठीक है?"
"बोल,तू ठीक है?"
"गले में फंदा डालकर,
पूछेगा जग
"बोल, तू ठीक है?
सिलवट पड़ जायेगी जो
तेरे माथे पर,
कस कर,खींच कर फंदा,
फिर से पूछेगा जग,
" बोल,तू ठीक है?"
डर दिल से आँखों में उतर आयेगा,
न मुस्कुरा पायेगा,न तू रो पायेगा,
तब कस कर और फंदा,
फिर से पूछेगा जग,
बोल न,तू ठीक है?
तू डर जायेगा,
तू काँप जायेगा,
और ये दुनिया ,ये जग
और तुझको डरायेगा,
पूछेगा,
पूछेगा फिर से,
बोल न,तू ठीक है?
उठा,
डर को उठा,
डर को उठा के खूँटी पर टाँग,
उठा के फंदा,
ले उनके गले में डाल,
और बोल,
"मैं ठीक हूँ ।"
डर से मिला तू आँखें,
डर को दिखा तू आँखें,
बोल,
बोल तू,
"मैं ठीक हूँ ।"
