बोझ कैसे हो गयी
बोझ कैसे हो गयी
पी उसने भी थी
पी मैंने भी थी
फिर वो शरीफ़ और
मैं गुनहगार कैसे हो गयी।
जिस्म बेचा मैंने था
तो ख़रीदा उसने था
फिर वो इज्जतदार और
मैं बाजारू कैसे हो गयी।
बनाया तो उसी खुदा ने
है दोनों को
फिर वो चाहत और
मैं बोझ कैसे हो गयी ?
