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Jatin Jatin

Romance

4  

Jatin Jatin

Romance

बन जाना

बन जाना

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जीते जी नहीं तो मरने के बाद ही सही,

मंजिल मेरी मुझे तुम ही दिखाना,

अपने इशारों पर, जहां चाहो वहां ले जाना,

मै धूल बन जाऊंगा, तुम मेरी हवा बन जाना।


अपनेपन का एक एहसास कराना,

मैं फूल बन जाऊंगा, 

तुम मुझपर बैठी वो तितली बन जाना।


मै छांव दूंगा , तुम भूख मिटाना,

मेरी तारीफ का कारण बन जाना।

मैं पेड़ बन जाऊंगा, तुम मुझ पर लगे फल बन जाना।


साल में एक बार तो मुझसे मिलने जरूर आना,

मैं सूखी जमीन बना, तो तुम बारिश बन जाना ।


तुम पर कविता मै फिर से लिखूं, मेरी आंखों के सामने आ जाना,

अगर मैं फिरसे इंसान बना, तुम फिरसे मेरी चाहत बन जाना।


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