बम बम भोलेनाथ
बम बम भोलेनाथ
भोले भंडारी तेरी महिमा अपार है
तेरे मंदिर में हो रही जय जयकार है,
माथे चंद्र सुशोभित होये
गले सर्प की माला है,
जटा मैं माँ गंगा की धारा
कमर में बाघम्बर लिपटा
अंग भस्म कमाल है।
जहां तुम्हारे मंदिर होये
नंदी वहां पहरेदार हैं,
झांझर, शंख, मजीरा बाजे
बहुतै होत धमाल है।
तुम्हारे दर्शन पाने खातिर
दूर दराज से आते भक्त,
तेरी महिमा बड़ी निराली
तू बहुत ही अपरंपार है।
भांग धतूरा, बेलपत्र संग
दूध होत अर्पण तुझको,
हम तो श्रद्धा से शीष नवाते
शिवशंकर ओंकारेश्वर तुझको।
मस्त मलंग हे औघड़दानी
तेरी महिमा कोउ न जाने,
शीश झुकाकर हम कहते हैं
जय भोले, जय शिवशंकर।
द्वार तुम्हारे भक्तों को
मेला लगता है निश दिन,
गुंजायमान होता है चहुंदिश
ऊँ नम: शिवाय, बम बम भोलेनाथ।