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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

बजरंगनली भी तू,महाकाल भी तू

बजरंगनली भी तू,महाकाल भी तू

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बजरंगबली भी तू है

महाकाल भी तू है

जिधर देखूं उधर तू है

जिस घट में तू नहीं,


वो घट मुर्दे की बू है

तेरे नाम से चलती,

बाबा मेरे सांस जू है

जिस जिह्वा में तू नहीं,


उस जिह्वा पे थू-थू है

तेरा नाम लेने से बाबा,

बढ़ती जीवन खुश्बू है

जिस जगह नहीं तू है,


वो स्वर्ग हो के भी लू है

बजरंगबली भी तू है

महाकाल भी तू है

तेरे दम पे मेरी दुनिया,

साखी की रूह तू है।


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