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PRATAP CHAUHAN

Abstract

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PRATAP CHAUHAN

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भूल गए सब

भूल गए सब

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पहले गर्मियों की छुट्टियों में 

जाते थे मनाली हिल्स पर


 वह ठंडक भरी हवाएं

 ठंडक देती थी दिल पर

 रोपवे पर बैठकर झांकते थे नीचे

वो सब यादें अब रह गई पीछे


चिड़ियाघर, वाटर वर्ल्ड क्या होता है

कुछ भी याद नहीं आता अब 

यह सब हो गई बीती बातें हैं

अब तो भूल गए सब।


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