STORYMIRROR

anuradha nazeer

Abstract

3  

anuradha nazeer

Abstract

भरोसा

भरोसा

1 min
264

भरोसा खुद पर रखो 

तो ताकत बन जाती हो।


दूसरों पर रखो तो

कमजोरी बन जाती है।


आपके सही के बारे में

कोई परवाह नहीं करते।


लेकिन गलत के बारे में

याद रखे हो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract