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Shalini Dikshit

Inspirational

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Shalini Dikshit

Inspirational

भोली-भाली

भोली-भाली

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ऐ लड़कियों, तुम क्यों होती हो इतनी भोली-भाली

या फिर यो कहो कि क्यों होती हो इतनी बेवकूफ

क्यो पिघल जाती हो थोड़ी सी तारीफ से,

क्यों नहीं कर पाती हो सच और बनावट में फ़र्क

मोहब्बत पाने की चाह में हो जाती हो कमजोर,

नहीं समझ पाती हो सच्चाई और चालाकी में अंतर

क्यों आखिर क्यों...


ऐ लड़कियों तुम क्यों हो इतनी भोली-भाली

तुम को ईश्वर ने सौंपी है एक ऐसी काया

जिसको हमेशा देखने को बेताब रहता है मानव

तुम क्यों इसको उघाड़ने पर रहती हो बेताब

क्यो

ं नहीं समझती हो महत्व इसकी कोमलता का,

मानव को सौंप देती हो मन और शरीर

 क्षत-विक्षत करने के लिए

 क्यों आखिर क्यों.....


ऐ लड़कियों तुम क्यों हो इतनी भोली-भाली

आज की लड़की हो गई है हर तरह सक्षम

जाती है अंतरिक्ष तक फिर भी कुशलता से पालती है बच्चे

बस नहीं पा सकी है अब तक, पुरुष सा कठोर

 मन और दिमाग

 तभी छली जाती है हमेशा 

 कब तक छली जाती रहोगी तुम तय क्यों नहीं करती हो

 क्यों आखिर क्यों.......


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