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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

भोलेबाबा स्तुति

भोलेबाबा स्तुति

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जितना रूप निहारूं, में बाबा तेरा

उतना ही अच्छा लगे चेहरा तेरा

जब-जब भी तुझको देखूं बाबा,

तब-तब ही लगे मुझे कोई सवेरा


बाकी तुझे याद किये बिन, बाबा

ये जीवन है, अमावस का अंधेरा

जहान तू है मेरा, में हूं बाबा तेरा

बाकी ये जग जोगी वाला फेरा


ऐसे ही बाबा मुझे पे दया करना

अपने चरणों का दास ही करना

तेरी याद से बीते बाबा वक्त मेरा

डालना सांसों में ऐसा कोई फेरा


वरना तेरे बिना मेरे भोलेबाबा,

मर जायेगा जीते जी भक्त तेरा

एकमात्र बाबा मुझे तेरा सहारा

बाकी सबने अपना कहकर मारा


रखना सिर पे हाथ मरते दमतक

इस स्वार्थी जग में कोई न है, मेरा

लहूं की हर बूंद से रूह तक तू है,


कोई एकबार तो दिल चीरे मेरा,

भोले, तेरा ही दिखेगा इसमें चेहरा।


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