भोजपुरी पूर्वी लोक गीत -आइल बिपतिया
भोजपुरी पूर्वी लोक गीत -आइल बिपतिया
आइल बिपतिया भइल पागल जईसन मतिया।
नींदिया आवे ना सारी रतिया ,
उपईया कूछ करा मोदी जी।
बहरे ना जाये पाई मन पगलाता।
घरवे मे रही रही कपरा दुखाता।
करत बा कोरोनवा बड़ा ससतिया।
उपईया कूछ करा मोदी जी।
टिकवा लगवली मसकिया पहनली।
जाई जब बजरिया घुंघटा लगवली।
हटावा लोक डाउन माना मोर बतिया।
उपईया कूछ करा मोदी जी।
सगरो सिंगार मोर बेकार होखत बा।
करी का सिंगार पीयवा ना देखत बा।
भगइबा जब कोरोनवा जुड़ाई मोर छतिया।
उपईया कूछ करा मोदी जी।
टीवी सिरीयल देखि मन अनकुसात बा।
पागल खाना जेल खाना घरवा बुझात बा।
माटी लागो इनकर कोरोनवा के जतिया।
उपईया कूछ करा मोदी जी।
