भोजपुरी कजरी - काहे सुन कईला
भोजपुरी कजरी - काहे सुन कईला
चली गइला काहे कान्हा, हमके बिसार
बिंदावनवा काहे सुन कईला सवरु
रोई रोई राधा जोहे रहिया बहार के
बांसुरिया कहे धुन बजवला सवरू
रिमझिम रिमझिम खूब बरखा बरसे
अँखिया भरी भरी कन्हईया मोरी बरसे
झमझम नाचे मोरवा पंखिया पसार के
चुनरिया मोरी काहे कोर कईला सवरू
गोकुला में रहला कान्हा गईया चरवला
यमुना किनरवा कदम बंसिया बजवला
सावन में दीहला हमके दरदिया पहार के
बिरही राधा नैना काहे लोर कईला सवरू
जाये के रहे हमसे पियार काहे कईला
लगाके नेहिया हमसे किनार काहे कईला
सवान में रोवे राधा छतिया पछार के
प्यारी राधा गेंहू काहे घुन कइला सवरू
चली गइला काहे कान्हा, हमके बिसार
बिंदावनवा काहे सुन कईला सवरू