भिक्षु हूँ
भिक्षु हूँ
भिक्षु हूँ मुनिबुद्ध का
मेरा धर्म ही मेरा कर्म है
मेरा ध्यान ही मेरी समाधि है
मेरा जीवन ही मेरा मार्ग है
मेरा सत्य ही मेरी पहचान है
मेरी क्षमा ही मेरा स्वभाव है
मेरी करुणा ही मेरी पुकार है
मेरा ज्ञान ही मेरी वृद्धि है
मेरी खुशी ही मेरी कीमत है ।