भीगें प्रेम की बारिश में
भीगें प्रेम की बारिश में
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
आओ सुनहरे सपने ओढ़े,
नफरत से अपना नाता तोड़े।
भीगें प्रेम की बारिश में।।
देखो सुहाना मौसम है,
फिर तुमको काहे का गम है।
खो जायें बूदों की आतिश में,
भीगें प्रेम की बारिश में।।
दुख- सुख जीवन संगी हैं,
जीते वही जो उमंगी हैं।
जियें ख्वाबों की ख्वाहिश में,
भीगें प्रेम की बारिश में।।
आओ लिखें ढाई आखर मिलके,
बनाए इक दुनिया सिलके।
फंसें मेघों की साजिश में
भीगें प्रेम की बारिश में।।