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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

भगतसिंह पुण्यतिथि

भगतसिंह पुण्यतिथि

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अपने हिंद देश की आजादी के लिये वो मर मिटा

आखरी सांस पे भी इंकलाब जिंदाबाद बोल उठा

उन भगतसिंह को पुण्यतिथि पर शत शत नमन,

जो कम उम्र में फांसी को गले का हार समझ उठा

उन शहीद ए आजम को हम सुबह-शाम याद करते है,

जिनकी वजह से हम आजादी की हवा में सांस लेते है

साथ ही उनके साथी, जैसे चलते हो कोई मदमस्त हाथी,

उन सुखदेव, राजगुरु को हम हर पल सलाम करते है


देश के लिये जिनका लहूं ज्वालामुखी सा खौल उठा

फिरंगी शासन जिनके आगे डगमग-डगमग डोल उठा

उनकी वजह से अंग्रेजी शासन जोर-जोर से रो उठा

अब उन्हें अपना आदर्श न कहूँ तो साखी क्या कहूँ?

जिनके बलिदान से भारत आजाद सूर्य देख सका

आप देशभक्तों के कारण हिंद आजादी की तरफ चला

आपकी कुर्बानी के कारण गुलाम भारत में फूल खिला

क्यों न आप लोगों को मैं कोई फ़रिश्ता मानूँ?

जिनके कारण ही हमको आजाद भारत मिला



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