भारतकी बात
भारतकी बात
भारत की बात निराली है,सारी दुनिया ने मानी है
सदियों से इस दुनियामें, अपनी पहचान बनाई है।
तोड़ के बंधन गुलामी के, वीरोने जिसे आजाद किया
देशकी खातीर सबने ही, जीवन का बलिदान दिया।
लाठी के मार सहते रहे, सीने पे गोली चलती रही
नारियाँ भी इस देश की, आजादी की जंग में कुद पड़ी
भारत की बात निराली है, सारी दुनिया ने मानी है
पावन है ये धरती माँ, जहाँ प्रेम की गंगा बहती है।
पूरब क्या और पश्चिम क्या, सबकी वो प्यास बझाती है
अपने क्या, पराये क्या भेद नहीं वो कभी करती है
प्यार सभीसे करती है, सबको वो अपना समझती है
भारत की बात निराली है,सारी दुनिया ने मानी है।
आई जब संकट की घड़ी, जुड़ती गई दिलों की कड़ी
तन-मन-धनकी सेवा से, बीत गई मुश्किल की घड़ी
प्यार हमारी पूजा है, कुर्बानी भी तपस्या है
ये वो हमारी अमानत है कोई जिसे न छिन सका
भारत की बात निराली है, सारी दुनिया ने मानी है।
