"भारतीय स्वतंत्रता दिवस"
"भारतीय स्वतंत्रता दिवस"
15 अगस्त 1947 के दिन, मिली थी हमें आज़ादी !
मुल्क़ के लिए क़ुर्बान, हुई थी काफी आबादी !!
इतना आसां नहीं था, मुल्क़ को कराना आज़ाद !
मज़हब के नाम पर अंग्रेज़ों ने, कर दिया था बर्बाद !!
मुल्क़ के लिए न देखा, मज़हब और न जात !
बस आज़ादी के लिए लड़े, सब होकर एक साथ !!
मुल्क़ की आज़ादी में है, हर मज़हब के लोगों का हिस्सा !
हमें तो मालूम है बस, चंद लोगों का ही किस्सा !!
अशफाक उल्ला खान-राम प्रसाद बिस्मिल की, दोस्ती की है मिसाले !
यही है वह दोस्त, काकोरी कांड को अंजाम देने वाले !!
महात्मा गाँधी, रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह और भी, है बहुत से क्रांतिकारी !
जिन का हौसला जज़्बा और जुनून, अंग्रेज़ों पर पड़ा बहुत भारी !!
पत्रकार मौलवी बाकिर ने, दिखाई अपनी कलम की ताकत !
तोप से दाग दिए गए जब, अंग्रेज़ों के लिए बने आफत !!
बेगम हज़रत महल, मौलाना आज़ाद, टीपू सुल्तान, ऐसे बहुत से हैं नाम !
जिन्होंने मुल्क़ के लिए, क़ुर्बान कर दी अपनी जान !!
इन्होंने न किया कभी, अपने जान की फ़िक्र !
बस करते थे अपने, मुल्क़ की हिफाज़त का ज़िक्र !!
हमेशा रहते थे यह, मर-मिटने को तैयार !
अपनों से ज़्यादा, वतन से था इन्हें प्यार !!
#FreeIndia की खातिर, इन्होंने कर दी क़ुर्बान, हँसते-हँसते अपनी जान !
मगर कम न होने दी अपने वतन की, आन बान और शान !!
आज़ादी के वक़्त बस यही, सोचता था हर इंसान !
कैसे आज़ाद हो हम सबका, प्यारा हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान !!