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Mohd.Farhan Alam Lari

Inspirational tragedy others

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Mohd.Farhan Alam Lari

Inspirational tragedy others

"भारतीय स्वतंत्रता दिवस"

"भारतीय स्वतंत्रता दिवस"

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15 अगस्त 1947 के दिन, मिली थी हमें आज़ादी !

मुल्क़ के लिए क़ुर्बान, हुई थी काफी आबादी !!


इतना आसां नहीं था, मुल्क़ को कराना आज़ाद !

मज़हब के नाम पर अंग्रेज़ों ने, कर दिया था बर्बाद !!


मुल्क़ के लिए न देखा, मज़हब और न जात !

बस आज़ादी के लिए लड़े, सब होकर एक साथ !!


मुल्क़ की आज़ादी में है, हर मज़हब के लोगों का हिस्सा !

हमें तो मालूम है बस, चंद लोगों का ही किस्सा !!


अशफाक उल्ला खान-राम प्रसाद बिस्मिल की, दोस्ती की है मिसाले !

यही है वह दोस्त, काकोरी कांड को अंजाम देने वाले !!


महात्मा गाँधी, रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह और भी, है बहुत से क्रांतिकारी !

जिन का हौसला जज़्बा और जुनून, अंग्रेज़ों पर पड़ा बहुत भारी !!


पत्रकार मौलवी बाकिर ने, दिखाई अपनी कलम की ताकत !

तोप से दाग दिए गए जब, अंग्रेज़ों के लिए बने आफत !!


बेगम हज़रत महल, मौलाना आज़ाद, टीपू सुल्तान, ऐसे बहुत से हैं नाम !

जिन्होंने मुल्क़ के लिए, क़ुर्बान कर दी अपनी जान !!


इन्होंने न किया कभी, अपने जान की फ़िक्र !

बस करते थे अपने, मुल्क़ की हिफाज़त का ज़िक्र !!


हमेशा रहते थे यह, मर-मिटने को तैयार !

अपनों से ज़्यादा, वतन से था इन्हें प्यार !!


#FreeIndia की खातिर, इन्होंने कर दी क़ुर्बान, हँसते-हँसते अपनी जान !

मगर कम न होने दी अपने वतन की, आन बान और शान !!


आज़ादी के वक़्त बस यही, सोचता था हर इंसान !

कैसे आज़ाद हो हम सबका, प्यारा हिंदुस्तान, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान !!


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