Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Mohd.Farhan Alam Lari

Children Stories Inspirational Children

4  

Mohd.Farhan Alam Lari

Children Stories Inspirational Children

"बचपन की यादें,कोई लौट दें"

"बचपन की यादें,कोई लौट दें"

2 mins
873


आओ सुनाता हूँ, बचपन की कहानी !

जब हम सब करते थे, खूब मनमानी।


काश ! कोई हो, जो हमें, लौटा दे !

हमारे बचपन की, वो हसीन यादें।


बचपन में जब, हम सब, रहते थे एक साथ !

हर वक़्त करते थे बस, खेलने की ही बात।


याद है, वो हम सबका मिलकर, एक साथ खाना !

और स्कूल न जाने का, ढूँढना कोई बहाना।


गलती करने पर, माँ का हमें समझाना !

फिर प्यार से हमें, देखकर मुस्कुराना।


पापा का शाम को, घर वापस आना !

आते ही उनको, प्यार से गले लगाना।


माँ-बाप ने बचपन में उँगली पकड़कर, चलना हमें सिखाया !

जब भी की कोई ख्वाहिश, उसे पूरा करके दिखाया।


याद है वो पल, जब पहली बार चलना सिखाया !

मेरे गिरने पर भी, हर कोई ताली बजाया।


बचपन में जब, पहली बार, गोद में, था उठाया !

मेरे रोने पर, हर कोई था, मुस्कुराया।


बचपन में हम भाई-बहनों से, आपस में करते थे लड़ाई !

मगर साथ में ही हँसते, खेलते, खाते और, करते थे पढ़ाई।


वो बचपन में, भाई-बहनों का हर वक़्त साथ !

बड़े होने पर क्यूँ? छोड़ देते, एक-दूसरे का हाथ।


वो स्कूल में बेंच के लिये, आपस की लड़ाई !

याद है, कभी-कभी दोस्तों ने, पिटाई भी करवाई।


बचपन में हम सबका एक साथ, कही पर घूमने जाना !

फिर वापस आकर एक-दूसरे को, वहाँ की हर बात बताना।


बचपन में जब, बाज़ार में, होता था, पापा का साथ !

हर वो चीज़ थी अपनी, जिस पर भी रख दो हाथ।


क्योंकि ईंट से नहीं, माँ-बाप से बनता है परिवार !

अगर एक है छत, तो दूसरा है दीवार।


ऐसे ही है, बचपन की, बहुत सारी, यादगार बातें !

जिन्हें सोचकर ही अब, हम सब है मुस्कुरातें।


काश ! फिर लौट आये, वो बचपन के पल !

जो रह गये है बनके, सिर्फ एक, हसीन कल !


Rate this content
Log in