भारतीय मेले
भारतीय मेले
आजा भाई,
मेरे भाई
हम भी देखेंगे मेले
ये कैसे रंग-बिरंगे है
ये भारतीयो के मेले।
हे रंग-बिरंगी पोशाकें
ये रंग-बिरंगा मेला,
ये धरती बड़ी ही सुन्दर है
मेरी धरती का ये मेला है।
आऔ देखे कैसे सजी हुई है
ये रंग-बिरंगी किताबें,
एक से बढ़कर एक लेखक है
पाठको की पसंद का मेला।
छात्र-शिक्षक घूम रहे है
किताबे मिलकर खरीद रहे है,
यहाँ नही तो कहाँ नही मिलेगी
ये भारतीय किताबी मेला
कम ज्यादा पर बात बनेगी।
आऔ आगे देखें
कौन-कौन सा मेला है,
जो भारत की आन और
शान बढ़ाए भारत प्रेमी,
दूर दूर से खिंचता चला आए।
वो देखो झूलों की सवारी
कोई उपर नीचे जाती,
कोई आगे पीछे जाती
ये सवारी होती बहुत ही प्यारी,
यहां नही कोई अकेला
ये भारतीय झुलो का मेला।
नजर घुमाओ फ़िर बताओ
थोड़ा आगे फ़िर से आऔ
कुछ तस्वीरे सजी हुई है
पेन्टींग सी बनी हुई है
ना तुम जानो
ना मैं जानू
मैं तो बस इतना जानूँ,
ये कलाकारी है
जिसमे छिपे शब्द हजारी है
ये भारतीय कला मेला
जिसमे छिपी
संस्कृति हमारी है।
ऐसे ही बहुत से मेले है
कहीं सम्मान का मेला है
कहीं शान्ति समारोह है
कहीं मिल जायेगा
कोई इवेंट फ़ैस्टिवल।
कहीं उड़ती विमान उड़ान
और तिरंगा रंग छोड़कर
बनाते हवा मे देश की पहचान
ये भारत की खुशियाँ
ये भारत का जीवन
यही भारत का आनन्द
यही भारत के मेले हैं।