भारत का उद्धार
भारत का उद्धार
जब देश के बच्चे-बच्चे को , इस देश से प्यार नहीं होगा। हम दावे से कहते हैं, भारत का उद्धार नहीं होगा।।
जातिवाद और ऊँच-नीच, भेदभाव भी मिटा नहीं। भाषावाद साम्प्रदायिकता , जातिवाद भी पिटा नहीं।।
आडम्बर अंधविश्वासों ने , अब तक पकड़ा है हमको। अशिक्षा, गरीबी और बेरोजगारी ने , कैसा जकड़ा है हमको।।
मेरे देश में नेता, मतदाता, दोनों बिक्री हो जाते हैं। ये कुर्सी और पैसे के ,लालच में खो जाते हैं।
राजनीति, माफिया, अपराधियों के,चंगुल में फंस रह गई है। घोटालों और हवालों की दलदल ,में धंस कर रह गई हैं।
जातिवाद या ऊँचनीच , अब भेदभाव पीछे छोड़ो। स्वार्थपरता, धनलोलुपता, उग्रवाद से मुँह मोड़ो।।
मजहब के नाम पर खूनी दंगे,कैसी बुरी अनीति है। अब तो इसका परित्याग करो, ये कुछ गुंडों की नीति हैं।।
सभी अधिकारों की मांग करें ,कर्तव्यों को भी जानों। सब कुछ अपना बलिदान किया ,उन वीरों को भी पहचानों।
नवयुवकों में जब तक नई ,शक्ति का संचार नहीं होगा। "उल्लास" तिरंगे से जब तक, अन्तर्मन से प्यार नहीं होगा। हम दावे से कहते हैं, भारत का उद्धार नहीं होगा।।