"भारत भू का अभिनंदन"
"भारत भू का अभिनंदन"
देश की चहुँओर छँटा निराली है,
प्रकृति की दिखती हरियाली है।
उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम,
भारत में प्रगति से ख़ुशहाली है।।
उत्तर में खड़ा है हिमालय पर्वत,
भारत की करता सदियों से रक्षा।
देश की सरहद पर हैं तैनात खड़े,
वीर जवान करते हमारी सुरक्षा।।
गाँवों का देश कहलाता है भारत,
जहाँ पर रहते बहु गरीब किसान।
हरे भरे खेतों में वो अनाज उगाते,
हम सब कहते हैं उनको भगवान।।
गंगा, यमुना, नर्मदा, कावेरी,जैसी,
नदियाँ कल कल करके बहती हैं।
हम समृद्ध बनें, ख़ूब ख़ुशहाल रहें,
भारत भू हम सब से ही कहती है।।
बड़े बड़े महापुरुषों ने जन्म लिया,
बहुत अद्भुत अद्वितीय ज्ञान दिया।
पूरी दुनिया में होता उनका गुणगान,
जीवन भर ऐसा सद्कार्य किया।।
हम सब भारत वर्ष में रहने वाले,
अपने को बहुत धन्य समझते हैं।
सौभाग्य जो हमने यहाँ जन्म लिया,
भारत भू का अभिवंदन करते हैं।।
