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Sunita Shukla

Inspirational

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Sunita Shukla

Inspirational

भाईचारा

भाईचारा

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भाईचारा यह शब्द ही कितना प्यारा है

सुन के कानों में घुल जाता मधु ढेर सारा है ।

दिल में उठता एक सुखद शान्ति का भाव

दिखता है वसुधैव कुटुंबकम और संत सद्भाव ।।

पर क्या वास्तविकता का सत्य यही है

यथार्थ तो कहता सत्य यह सम्पूर्ण नहीं है।

अब यह केवल कोरी किताब की बातें हैं

और शेष बचा थोड़ा सा बड़े बूढ़े सिखलाते हैं ।।

आज के इस नाज़ुक वक्त में

सर्वविदित यह शब्द बड़ा बेचारा है ।

भाई ही भाई का अब दुश्मन

हर रिश्ता और संबंध यहाँ हालातों का मारा है ।।

जब तक अपना काम निकलता

गले मिल रहे हैं, बनकर मित्र

और भाई ।

ज्यों मतलब पूरा हो जाता

फिर कैसा भाई, और कैसी मितराई ।।

राजनीति में तो, यह शब्द ही सबसे न्यारा है

चले इलेक्शन की बयार, तो गले मिलो का नारा है ।

ज्यों अपनी सरकार बनी, या कोई कुर्सी न मिले

प्रेम की सारी बातें भूले, मिट जाता भाईचारा है।।

आज जरूरत है फिर से, एक नई अलख जगाने की

सारे लोगों को इस शब्द का, सही अर्थ समझाने की ।

कटु सत्य सभी यह जान लें, गर होगा हममें भाईचारा

उन्नति के सब द्वार खुलेंगे, लोहा मानेगा विश्व जगत ये सारा ।।

                      


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