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Anuva Pandya

Inspirational Others

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Anuva Pandya

Inspirational Others

भाई

भाई

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तू जान है मेरी

बचपन से की गई यारी है मेरी

ड़ांत देता था तू बहुत

कयूंकि गलती छुपाने आदत थी तेरी ।


ड़ांत देता था तू सबको

कयूंकि संभाल के रखना था तुझको,

काई छू न पाए वो हाथ है तु

कुछ हो न जाये वो दुलार है तु।


बाड़ा है तो क्या हुआ

दूर है तो क्या हुआ

समझता है आज भी

बस बताता नहीं तो क्या हुआ।


कम करता है बात अब

बाहने बनाता है हज़ार तब,

बातादे याद आई है आज

आंखेँ फिर भिगोई है आज।


मुश्किल था वो वक़्त,

किसी और के घर छोड़ के आना था जब

चिंता कुछ और थी उसकी तब

कया खुश रहेगी मेरी छोटी उसके साथ अब ?


बात आज भी कम करता है

ड़ांत आज भी कम सुनाता है

याद आई है आज फिर उसको,

बातता नहीं,

कयूंकि भाई भाई ही होता है।


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