बेवफा यादें
बेवफा यादें
जरूरी नहीं है उसे पाना जो तुम्हारा कभी था ही नहीं
जरूरी नहीं है बेवफाई के आंचल तले वफा को ढूंढना ,समय की बर्बादी होगी।
अंतिम घड़ी में उसको आहट आगर सताती है,
रुलाती है, वक्त से भीख मत मांगना, क्यों की ए सारे लम्हें तुम्हारी अमानत है।
तकलीफ होती हैं, हां माना के दर्द से तुम चीख पड़ती होगी,
पर किसी की गुलामी से अच्छा है की अकेलेपन को ही साथी बना लो,
जब सन्नाटे छा जाए और करवट लेते हुए तुम भी हो जाओ परेशान,
बस आंखे मूंद कर खुद को एकबार देखने की कोशिश जरूर करना,
खुद से फिर से एकबार मिल पाओगे।