बेटी
बेटी
हे भगवान तूने क्या गजब का रिश्ता बनाया है
बेटी को भेज के बाप का जीवन सहलाया है
बाप काम पर जाए तो बेटी टिफन दरवाजे ले आये
खतम करणा पापा पुरा
प्यारी सी डाट.. लगाये
थक जवोगे पापा तुमक कहके..
छोटे हातो निंबु पाणी बनाये...
राह देखे आने की ओर ...
आतेही खुशियो का जश्न मनाये....
मिठीमिठी बांतो से.. टेन्शन दूर दूर भगाये..
झूट मुट की रोटियां भी.. भरपेट खाना खिलाये...
बेटा मारे खर्राटे...बेटी जाग के पैर दबाये
बाप के कलेजे का टूकडा.बेटी .. न जाने क्यों बडी हो जाये
छूप - छूप मंडप...बाप खुद को ही पूछत.. जाये
जिंदगी भर हंसाने वाली..आज इतना क्यो है रुलाये...
क्या दिन होता है वह ... जब पराया धन कहलाये....