बेटे
बेटे
बेटे किसी से कम नहीं होते
गर सींचो उनको संस्कार की खाद से;
वो घर का नाम रोशन कर जाते है।
रोजी रोटी कमाने की चाह
उनको भी घर से दूर ले जाती है।
माँ का आँचल छोड़ वो खुद
जिम्मेदार बन जाते है।
बेशक उनका उपनाम
नही बदलता शादी के बाद,
पर किसी को अपनाने की खातिर
वो खुद को बदलने की कोशिश करते है।
भगत सिंह जैसे बेटे ही
हमारे दिल पर अमिट छाप छोड़,
देश का नाम रोशन कर जाते हैं।