Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Vindhesh dixit

Romance

4.4  

Vindhesh dixit

Romance

बेपनहा मुहाब्ब्त

बेपनहा मुहाब्ब्त

1 min
183


अभी अभी तो सोया था मैं

उस नाचीज ने फिर से जगा दिया

अभी अभी तो संभला था मैं

कि उसने फिर से तोड़ दिया


और तुम बात करती हो मेरी 

की मैं तुम्हारे बारे में क्या जनता हूँ

मैं तुममें कोई छोटी मोटी शख़्सियत नहीं 

अपना खुदा देखता हूँ


कभी ख्याल भी नहीं आता मेरा उसे

मैंने उसे ये भी बता दिया

वक़्त बदलेगा मेरा भी एक दिन

मैंने उसे ये भी दिखा दिया


जब मिली दोबारा मुझे वो उसके ही शहर में

दूर से देख कर ही मुझे उसने पहचान लिया

और वो आवाजें देती रही मुझको

मैं सुनकर भी उसे नज़रदाज़ करता रहा


फिर अचानक से समाने आ खड़ी हो गई मेरे वो

मैं उससे मुहं छुपाने की हज़ार कोशिशें करता रहा

वो मुझे याद दिलाती गयी पुरानी बातें 

मैं उसे भुलाने की लाख कोशिशें करता रहा


और वो अपने घड़ीयाले आँसुओं से 

मुझे पिघलाने की कोशिशें करती रही

मैं उससे दूर रहने की कोशिशें करता रहा

वो मेरे पास आने की कोशिशें करती रही


और वो रो रो के अपनी दास्तान सुनती रही

मैं उससे पीछा छुड़ाने की सोचता रहा

और अचानक से उसने मुझे गले लगा लिया 

मैं पागल उससे घंटों सिसकता रहा


   


Rate this content
Log in