बेचैनी
बेचैनी
हा... कैसा तेरा इश्क़ सताए
हा... जिया मेरा दिल धड़काय
बेचैनी दिल की बढ़ती जाये
दिल को कुछ समझ न आय
हा... कैसा तेरा इश्क़ सताए
हा... जिया मेरा दिल धड़काय
तुझ को पाना दिल ये चाहें
दिल के पन्नों पर तुझे ही सजाए
हा... कैसा तेरा इश्क़ सताए
हा... जिया मेरा दिल धड़काय
बेचैनी दिल की बढ़ती जाय
दिल को कुछ समझ न आय
हा... कैसा तेरा इश्क़ सताए
हा... जिया मेरा दिल धड़काय।