बदलना अच्छा है...
बदलना अच्छा है...
बदल जाने से किसी के कोई
परेशान थोड़े होता है,
परेशान तो खुद के ना बदलने से होता है,
जो बदलता है..
दुनिया उसी के पीछे हो लेती है..
जो नहीं बदलता दुनिया
उसे पीछे छोड़ देती है,
बदलना अच्छा है
कोई बुरी चीज थोड़ी है।
जो आज हम-तुम हैं
वो बदलने से ही तो हैं
जो ना बदलते..
तो झुक कर चलते..
कहीं दरख़्त - दर - दरख़्त कूद रहे होते,
बंधा होता गले में पट्टा..
और किसी मदारी के इशारे पर नाच रहे होते...
बदलना अच्छा है..
कोई बुरी चीज थोड़ी है।
जो ना बदलते तो..
आज भी किसी खिलाने वाले का इंतेज़ार करते...
कभी सरकते तो कभी घुटने पर चलते,
और तोतली जबां में बात रखते..
कभी जवां थोड़े होते,
जवानी क्या होती है
यह जान भी ना पाते,
आदम जात को आगे बढ़ा भी ना पाते..
ना होता जोश और जुनून जवानी का..
ना होता तजुर्बा बुढ़ापे का..
क्या ख़ाक कुछ बदल या बना पाते...
बदलना अच्छा है..
कोई बुरी चीज थोड़ी है।