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Prangya Panda

Inspirational

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Prangya Panda

Inspirational

बढ़ चल

बढ़ चल

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आँखों में सपनों का सैलाब बह रहा है, 

उठकर मुझे दौड़ने को कह रहा है, 

थका हारा जो बैठा है एक इंसान मुझमें, 

उसे परिंदा बन उड़ान भरना सिखा रहा है। 

हाथों की लकीरें तू बदल सकता है, 

किस्मत को अपने आगे झुका सकता है, 

हिम्मत से भरा तू एक गुब्बारा है, 

ऊँचाई पर तू उड़ान भर सकता है। 

रास्ता भरा रहेगा काँटों से, 

मगर इस अग्निपथ को तुझे पार करना है, 

अपनी कामयाबी की किताब का तुझे आगाज़ करना है, 

किसी आँधी तूफान से अब तुझे नहीं डरना है। 

वक़्त भी तेरा साथ देगा तुझमें भरा वो जुनून देखके, 

खुली आँखों से तू अब हर ख्वाब सच होता देख ले, 

ताने देने वाले तालियाँ बजाते हुए नज़र आएँग, 

एक एक करके हर किसी को मुस्कुराते हुए देख ले। 


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