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Disha Mangal

Drama

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Disha Mangal

Drama

बड़ी बहन

बड़ी बहन

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मुझे हमेशा रंज रहता था,

मैं घर पर बड़ी जो थी 

परन्तु एक दिन मुझे मिल ही गई,

एक बड़ी बहन

 जो अपनों से बढ़कर थी 


सच तब मुझे लगा,

मैं कड़ी धूप से निकल,

किसी छायादार वृक्ष के नीचे आ गई हूँ


उसका वो साथ,

हमेशा मेरा ख्याल रखना,

मानो मैं हूँ एक छोटी सी गुड़िया 

उस दिन लगा था की यह जीवन,

सचमुच सौन्दर्यपूर्ण है 


परन्तु यह तो काल चक्र है,

मिलन के पश्चात बिछड़ने का दु:ख


वो चली गई,

आँसू उधर भी थे,

और इधर भी,

परन्तु आँसू उसे रोक न सके


और फिर वह बस गई स्मृति में,

उन सुख के दिनों की स्मृति बन कर।


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