STORYMIRROR

बचपन

बचपन

1 min
13.9K


छीनकर खिलौनों को बाँट दिये गम।

बचपन से दूर, बहुत दूर हुए हम।।


अच्छी तरह से अभी पढ़ना न आया

कपड़ों को अपने बदलना न आया

लाद दिए बस्ते हैं भारी - भरकम।

बचपन से दूर, बहुत दूर हुए हम।।


अँग्रेज़ी शब्दों को पढ़ना - पढ़ाना

घर आके दिया हुआ काम निबटाना

होमवर्क करने में फूल जाये दम।

बचपन से दूर, बहुत दूर हुए हम।।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Manisha Bhatnagar

Similar hindi poem from Children